tag:blogger.com,1999:blog-6465293324844727388.post4878908784184113819..comments2023-06-24T03:00:01.676-07:00Comments on अंतर्नाद- शशि रंजन: कृष्ण ! क्या तुम फिर आओगेशशि रंजन मिश्रhttp://www.blogger.com/profile/01685676537236195522noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6465293324844727388.post-44933684551878241712010-09-07T11:28:43.314-07:002010-09-07T11:28:43.314-07:00हे गिरिधर , गोवर्धन को तो उंगली पे उठा लिया....
भ्...हे गिरिधर , गोवर्धन को तो उंगली पे उठा लिया....<br />भ्रष्टाचार को कैसे हटाओगे....<br />व्यापते हो कन कन मे तुम...<br />क्या मेरे मन मे भी समाओगेHarender K. Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02954599945872417231noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6465293324844727388.post-47508607808887029152010-09-02T01:53:35.764-07:002010-09-02T01:53:35.764-07:00bahut sundar likha hai.bahut sundar likha hai.शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6465293324844727388.post-91422406068961338422010-09-01T23:14:28.405-07:002010-09-01T23:14:28.405-07:00कृष्ण प्रेम मयी राधा
राधा प्रेममयो हरी
♫ फ़लक ...कृष्ण प्रेम मयी राधा<br />राधा प्रेममयो हरी<br /><br /> <br />♫ फ़लक पे झूम रही साँवली घटायें हैं<br />रंग मेरे गोविन्द का चुरा लाई हैं<br /> रश्मियाँ श्याम के कुण्डल से जब निकलती हैं<br />गोया आकाश मे बिजलियाँ चमकती हैं<br /><br />श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायेvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6465293324844727388.post-75639866452803693162010-09-01T23:11:10.344-07:002010-09-01T23:11:10.344-07:00अच्छी कविता ...अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लग...अच्छी कविता ...अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.<br /><br />आपको और आपके परिवार को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com