गुरु आज शरण हम तेरे
अज्ञान तिमिर हमें घेरे
तेरी कृपा जो हो जाये
होंगे ये दूर अँधेरे .
गुरु....
मैं देव अन्य ना जानूं
मैं धर्म और ना मानू
कर गहकर करूँ प्रार्थना
तुम सर्वस्व हो मेरे.
गुरु...
अक्षर दीप जला दो
मन पंगु को चला दो
भवबंधन से दो मुक्ति
जीवन मरण के फेरे
गुरु...
संताप ह्रदय के मिटा दो
आशीष हमपे आज लुटा दो
गढ़ दो जीवन सरल-सुखद
तुम हो कुशल चितेरे
गुरु...
अज्ञान तिमिर हमें घेरे
तेरी कृपा जो हो जाये
होंगे ये दूर अँधेरे .
गुरु....
मैं देव अन्य ना जानूं
मैं धर्म और ना मानू
कर गहकर करूँ प्रार्थना
तुम सर्वस्व हो मेरे.
गुरु...
अक्षर दीप जला दो
मन पंगु को चला दो
भवबंधन से दो मुक्ति
जीवन मरण के फेरे
गुरु...
संताप ह्रदय के मिटा दो
आशीष हमपे आज लुटा दो
गढ़ दो जीवन सरल-सुखद
तुम हो कुशल चितेरे
गुरु...