चलो नदी के पार प्रिये
ले लहरों का आधार प्रिये
उतर जाए जब चांदनी
लहरों के आँचल में
और अठखेलियाँ लेता हो
अथाह जल पर चंद्र बिंब
छेड़ेंगे ह्रदय के तार प्रिये | चलो नदी के पार प्रिये...
राग भैरव के गायन तक
रश्मि-रथि के आवन तक
छेड़ेंगे हम राग मधुर
जो गुंजित हो लहरों के संग
मालकौंस और मल्हार प्रिये | चलो नदी के पार प्रिये...
रश्मि-रथि के आवन तक
छेड़ेंगे हम राग मधुर
जो गुंजित हो लहरों के संग
मालकौंस और मल्हार प्रिये | चलो नदी के पार प्रिये...
चुने अपनें मन कुसुम को
और गुंथे अपने भावों को
करें आलिंगन परछाई भी
और हो जाए मन मतंग
डाल गले का हार प्रिये | चलो नदी के पार प्रिये...
और गुंथे अपने भावों को
करें आलिंगन परछाई भी
और हो जाए मन मतंग
डाल गले का हार प्रिये | चलो नदी के पार प्रिये...