मालिकों के मलाईदार जूठे को खाया है
भौंक-भौंक कर किया कपालभाति
कभी लेट कर किया वज्रासन
लंगड़े कुत्ते का भाषण
देश दुनिया घूम कर आया है
पश्चिम में पूरब ढूंढ कर आया है
साधू की तरह ज्ञानी हो गया
मांस भक्षण में भी गो ग्रासन
लंगड़े कुत्ते का भाषण
दो चार कुत्तों को चेला है बनाया
चौराहे पर भौंक जयकार मनाया
मुहल्ले की बिल्लियों को हड़काकर
मजबूत कर रहा अपना शासन
लंगड़े कुत्ते का भाषण
अपने लंगड़ेपन को खद्दर में छुपाया
सफ़ेद चोले में मन के कालेपन को छुपायागांधी-नेहरु की बातों का गुढ़ सार
चौपाल लगा सस्वर करता उच्चारण
लंगड़े कुत्ते का भाषण
प्रजातांत्रिक कुत्ता है,
साम्राज्यवादी हो गयादेशभक्त का चोला फेंक अवसरवादी हो गया
असंसदीय बातों को संसद में भौंक भौंक
दूसरे कुत्तों को सिखा रहा अनुशासन
लंगड़े कुत्ते का भाषण