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"मेरे अंतर का ज्वार, जब कुछ वेग से उफ़न पड़ता है, शोर जो मेरे उर में है,कागज पर बिखरने लगता है |"ये अंतर्नाद मेरे विचारों की अभिव्यक्ति है, जिसे मैं यहाँ आपके समक्ष रख रहा हूँ | साहित्य के क्षेत्र में मेरा ये प्रारंभिक कदम है, अपने टिप्पणियों से मेरा मार्ग दर्शन करें |
bahut khub
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