बिछुड़ रहे हो तुम मुझसे और ज़माने भर का प्यार लिखा है
हर शब्द में पिरोया है तुमने, दिले जज्बात की धड़कन,
और बिखरते अक्षरों में तुम्हारे आसुओं का आयाम लिखा है
बनाया था हमने कभी एक आशियाँ ख्वाबों के जहाँ में,
तुमने उस आशियाने में गुजरे हर सुबह - शाम लिखा है
जला करते थे जिस इश्क की आग में हम मद्धम- मद्धम,
तुमने उस असह्य तपिश को आराम लिखा है
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